एक नई और चिंताजनक खबर के अनुसार, रूस ने यमन के भाड़े के सैनिकों की भर्ती शुरू कर दी है ताकि वह यूक्रेन में चल रहे युद्ध में अपनी संख्या बढ़ा सके। ये भर्तियाँ एक रहस्यमय कंपनी के माध्यम से की जा रही हैं, जो हूथी विद्रोही समूह से जुड़ी है। इस प्रक्रिया ने रूस की बढ़ती desperation को उजागर किया है, क्योंकि उसके खुद के सैनिकों की संख्या में भारी कमी आई है।
2023 के मध्य में, यमन के पुरुषों को उच्च वेतन और रूस की नागरिकता का वादा करके लुभाया गया। उन्हें बताया गया कि वे “सुरक्षा” या “इंजीनियरिंग” जैसे सुरक्षित काम करेंगे, जिसके लिए उन्हें प्रति माह $2,000 और एक बार का $10,000 बोनस दिया जाएगा। लेकिन जब वे रूस पहुंचे, तो वास्तविकता कुछ और ही थी। उन्हें जबरदस्ती रूसी सेना में भर्ती कर दिया गया और सीधे यूक्रेन के मोर्चे पर भेज दिया गया।
यमनी भाड़े के सैनिकों को यूक्रेन में कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। इनमें से कई के पास कोई पूर्व सैन्य अनुभव नहीं था और वे उस हिंसा के लिए तैयार नहीं थे, जिसका उन्हें सामना करना पड़ा। कुछ यमनी भर्तियों ने अपनी परेशानियों के बारे में बताया है, जिसमें उन्हें भारी लड़ाई वाले क्षेत्रों में भेजा गया, जहाँ उन्हें खतरनाक परिस्थितियों में जीना पड़ा। कई बार उन्हें उचित कपड़े या उपकरण भी नहीं मिले।
एक भर्ता ने साझा किया कि कैसे उन्हें एक जंगल में बम आश्रय बनाने के लिए लकड़ी के तख्ते ले जाने के लिए मजबूर किया गया, जबकि उन पर निरंतर गोला-बारी हो रही थी। तनाव और थकान ने उन्हें तोड़ दिया, और उनमें से एक सैनिक ने आत्महत्या का प्रयास किया। ये लोग ऐसे भयंकर युद्ध की स्थिति में थे, जिसमें वे पूरी तरह से अनजान थे।
कई यमनी भाड़े के सैनिकों को लड़ाई में शामिल होने के लिए धोखे में रखा गया। उन्होंने ऐसे अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए, जिन्हें वे समझ नहीं सके, जो कि रूसी भाषा में लिखे गए थे, और उन्हें धमकी और बल के तहत हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया। एक यमनी भर्ता ने बताया कि कैसे उसे रूस में एयरपोर्ट से उठाकर एक बंदूक की नोक पर भर्ती अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया।
हूथी विद्रोही, जो कि ईरान द्वारा समर्थित हैं, रूस के साथ करीबी संबंध बना रहे हैं। इस भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से, हूथी रूस के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके बदले में, रूस ने हूथियों के साथ हथियारों के सौदों पर चर्चा की है, जो उन्हें यमन में अपने संघर्ष में मदद कर सकती है।
जबकि कुछ यमनी भाड़े के सैनिक लड़ाई का मैदान छोड़ने में सफल रहे हैं, कई अन्य अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं। मानवाधिकार संगठन उनकी स्थिति को उजागर करने के लिए काम कर रहे हैं, और यमन में उनके परिवार अपने प्रियजनों की सुरक्षा के लिए चिंतित हैं। ये यमनी भाड़े के सैनिक न केवल एक विशेष युद्ध की कहानी हैं, बल्कि यह दर्शाते हैं कि कैसे वैश्विक राजनीति के खेल में लोग मोहरे बन जाते हैं।
क्या यमनी भाड़े के सैनिकों की भर्ती अवैध है?
भाड़े के सैनिकों की भर्ती कई देशों में अवैध है, लेकिन रूस इस प्रक्रिया को अपनी सैन्य आवश्यकताओं के लिए उपयोग कर रहा है।
हूथी विद्रोही कौन हैं?
हूथी विद्रोही एक यमनी समूह हैं जो ईरान द्वारा समर्थित हैं और यमन में सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं।
यमनी भाड़े के सैनिकों को किस प्रकार धोखा दिया गया?
उन्हें उच्च वेतन और सुरक्षित नौकरियों का वादा करके लुभाया गया, लेकिन उन्होंने जो अनुबंध पर हस्ताक्षर किए, वे समझ में नहीं आए।
क्या रूस अन्य देशों से भी भाड़े के सैनिकों की भर्ती कर रहा है?
हाँ, रूस नेपाल, भारत और उत्तर कोरिया जैसे देशों से भी सैनिकों की भर्ती कर रहा है।
यमनी सैनिकों की स्थिति को सुधारने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
मानवाधिकार संगठन इस मुद्दे को उजागर कर रहे हैं और उनकी स्थिति पर ध्यान आकर्षित करने के लिए काम कर रहे हैं।
क्या यमनी भाड़े के सैनिक लौट सकते हैं?
कुछ सैनिक लौटने में सफल रहे हैं, लेकिन कई अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं।
क्यों रूस को विदेशी सैनिकों की जरूरत है?
रूस को बढ़ते हुए युद्ध के दौरान अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाने के लिए विदेशी सैनिकों की आवश्यकता है।
क्या यमनी भाड़े के सैनिकों के लिए कोई मदद उपलब्ध है?
कुछ मानवाधिकार संगठन उनकी मदद के लिए काम कर रहे हैं, लेकिन स्थिति बहुत जटिल है।
रूस और हूथियों के बीच संबंध कैसे हैं?
रूस और हूथियों के बीच मजबूत संबंध हैं, जिसमें हथियारों के सौदों पर चर्चा हो रही है।
युद्ध के प्रभाव क्या हैं?
यह युद्ध न केवल यूक्रेन बल्कि वैश्विक राजनीति और मानवाधिकारों पर भी गहरा प्रभाव डाल रहा है।
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