डोनाल्ड ट्रम्प का नया प्रशासन क्रिप्टोक्यूरेंसी मार्केट में महत्वपूर्ण बदलाव करने की योजना बना रहा है। यह कदम न केवल वित्तीय क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह डिजिटल एसेट्स पर सरकारी नियामक दृष्टिकोण को भी बदल सकता है। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे ट्रम्प प्रशासन Commodity Futures Trading Commission (CFTC) की शक्ति का विस्तार करने का विचार कर रहा है और इसके संभावित प्रभाव क्या हो सकते हैं।
हाल ही में, CFTC की भूमिका में विस्तार करने का प्रस्ताव सामने आया है, जिसमें प्रमुख एसेट्स जैसे Bitcoin और Ethereum के स्पॉट मार्केट्स का नियमन शामिल होगा। यह रिपोर्ट Fox Business ने मंगलवार को ट्रम्प की टीम के करीबी सूत्रों के हवाले से दी है।
ट्रम्प प्रशासन का यह कदम राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनके आउटगोइंग SEC चेयर गैरी गेंसलर द्वारा डिजिटल एसेट इंडस्ट्री पर लागू की गई कठोर विनियमों को कम करने के प्रयास का हिस्सा है। ट्रम्प प्रशासन के प्रमुख व्यक्ति मानते हैं कि क्रिप्टोक्यूरेंसी व्यवसाय में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कम कठोर नियमन की आवश्यकता है।
यदि यह प्रस्ताव लागू होता है, तो CFTC, जो अमेरिका के डेरिवेटिव्स मार्केट का नियामक है, Bitcoin और Ethereum के लगभग 2.24 ट्रिलियन डॉलर के मार्केट पर नियंत्रण हासिल कर लेगी, जो वैश्विक क्रिप्टोक्यूरेंसी मार्केट का 70% से अधिक है।
हालांकि, CFTC ने इस मामले पर अभी तक कोई पुष्टि नहीं की है, और ट्रम्प के पूर्व अभियान प्रवक्ता को भेजे गए मेल का भी कोई जवाब नहीं आया है।
क्यों यह महत्वपूर्ण है? CFTC लंबे समय से डिजिटल एसेट्स को कमोडिटी के रूप में मानती आ रही है, जैसा कि CFTC चेयर रॉस्टिन बेन्हम ने सीनेट एग्रीकल्चर कमेटी के समक्ष अपने गवाही में कहा था। इसके विपरीत, SEC का इस विषय पर अस्पष्ट रुख है। Bitcoin को तो SEC द्वारा भी कमोडिटी के रूप में माना गया है, जिससे इसे नियामक जांच से सुरक्षा मिली है।
ट्रम्प ट्रांज़िशन टीम ने क्रिप्टोक्यूरेंसी नीति के लिए एक व्हाइट हाउस की भूमिका बनाने पर भी विचार किया है, जो डिजिटल एसेट्स के प्रति अमेरिकी सरकार के दृष्टिकोण में संभावित बदलाव का संकेत देती है। यह परिवर्तन उस समय हो रहा है जब SEC चेयर गैरी गेंसलर, जो क्रिप्टोक्यूरेंसी के प्रति कठोर नियामक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं, ट्रम्प के उद्घाटन दिवस से अपनी पदवी छोड़ने की घोषणा कर चुके हैं।
ट्रम्प प्रशासन द्वारा CFTC के विनियामक अधिकारों का विस्तार करना क्रिप्टोक्यूरेंसी उद्योग में एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है। यह न केवल विनियामक वातावरण को बदल सकता है, बल्कि क्रिप्टोक्यूरेंसी के विकास और नवाचार को भी प्रोत्साहित कर सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस क्षेत्र में और कौन से परिवर्तन होते हैं।
क्या CFTC का क्रिप्टोक्यूरेंसी पर अधिक अधिकार होना चाहिए?
CFTC का अधिक अधिकार होने से क्रिप्टोक्यूरेंसी मार्केट में अधिक पारदर्शिता और सुरक्षा आ सकती है, जो निवेशकों के लिए लाभकारी हो सकता है।
क्या यह कदम क्रिप्टोक्यूरेंसी के लिए फायदेमंद होगा?
हां, यह क्रिप्टोक्यूरेंसी में नवाचार को प्रोत्साहित कर सकता है और व्यवसायों के लिए एक अनुकूल वातावरण बना सकता है।
SEC और CFTC के बीच अंतर क्या है?
SEC मुख्य रूप से प्रतिभूतियों के नियमन के लिए जिम्मेदार है, जबकि CFTC डेरिवेटिव्स और कमोडिटी मार्केट का नियमन करती है।
क्या इस बदलाव का प्रभाव क्रिप्टोक्यूरेंसी की कीमतों पर पड़ेगा?
हां, यदि नियामक वातावरण सरल होता है, तो इससे क्रिप्टोक्यूरेंसी की कीमतों में सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
क्या ट्रम्प प्रशासन का यह कदम स्थायी होगा?
यह कदम स्थायी हो सकता है, लेकिन यह भविष्य की राजनीतिक स्थिति और चुनावों पर निर्भर करेगा।
क्या CFTC और SEC के बीच सहयोग संभव है?
हां, दोनों एजेंसियां मिलकर क्रिप्टोक्यूरेंसी के लिए एक संतुलित नियामक ढांचा बनाने के लिए सहयोग कर सकती हैं।
क्या CFTC के पास क्रिप्टोक्यूरेंसी के लिए पर्याप्त संसाधन हैं?
CFTC के पास संसाधनों की कमी हो सकती है, लेकिन यदि इसे अधिक अधिकार दिए जाते हैं, तो इसे और संसाधन मिल सकते हैं।
क्या CFTC द्वारा नियमन से निवेशकों को सुरक्षा मिलेगी?
हां, CFTC द्वारा नियमन से निवेशकों को सुरक्षा और बेहतर जानकारी मिलने की संभावना है।
क्या ट्रम्प प्रशासन का यह कदम वैश्विक स्तर पर प्रभाव डालेगा?
हां, अमेरिका का निर्णय वैश्विक क्रिप्टोक्यूरेंसी मार्केट पर व्यापक प्रभाव डाल सकता है।
अगर CFTC क्रिप्टोक्यूरेंसी को कमोडिटी मानती है, तो इसका क्या अर्थ है?
इसका मतलब है कि क्रिप्टोक्यूरेंसी को कमोडिटी के रूप में व्यापार किया जा सकता है और इसे अधिक कानूनी सुरक्षा मिलेगी।
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