क्या आपने कभी सोचा है कि एक निवेशक अपने निवेश को कैसे प्रबंधित करता है ताकि वह अधिकतम लाभ कमा सके, जबकि जोखिम को भी सीमित रखा जा सके? ऐसे ही एक सिद्धांत का नाम है “Kelly Criterion”। यह एक ऐसा फॉर्मूला है जो लंबी अवधि के व्यापार में मदद करता है। लेकिन क्या इस सिद्धांत में कुछ कमजोरियाँ हैं? आइए जानें कि कैसे एक नया दृष्टिकोण, जिसे “Risk-Constrained Kelly Criterion” कहा जाता है, इसे बेहतर बना सकता है।
Kelly Criterion एक प्रसिद्ध फॉर्मूला है, जिसका उपयोग निवेशकों द्वारा अपनी पूंजी का आवंटन करने के लिए किया जाता है। इस सिद्धांत का मूल उद्देश्य यह है कि यह आपके व्यापारिक रणनीतियों के लिए दीर्घकालिक लाभ को अधिकतम करता है। लेकिन, जैसा कि Busseti et al. (2016) ने बताया है, इसे वास्तविक व्यापार में लागू करने पर लंबे समय तक चलने वाली बड़ी गिरावटों का सामना करना पड़ सकता है।
इस समस्या को हल करने के लिए, Busseti et al. ने एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत किया – “Risk-Constrained Kelly Criterion”। यह एक ऐसा सिद्धांत है जो न केवल दीर्घकालिक लाभ को अधिकतम करता है, बल्कि इससे जुड़ी जोखिमों को भी नियंत्रित करता है। इसका मुख्य सिद्धांत यह है कि यह सुनिश्चित करता है कि आपकी पूंजी एक निश्चित स्तर से नीचे न जाए।
Risk-Constrained Kelly Criterion का उपयोग करने के लिए आपको एक जटिल ऑप्टिमाइजेशन समस्या को हल करना होगा। इसे सरल बनाने के लिए, इस सिद्धांत में केवल दो परिणामों (जीत और हार) के लिए एक सरल ऑप्टिमाइजेशन समस्या प्रस्तावित की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि इसे हल करना आसान हो।
अब जब हम इस सिद्धांत को समझ चुके हैं, तो चलिए एक व्यापारिक रणनीति पर नजर डालते हैं जो इस Risk-Constrained Kelly Criterion पर आधारित है। इस रणनीति में हम विभिन्न तकनीकी संकेतकों का उपयोग करते हुए एक Support Vector Machine मॉडल का उपयोग करेंगे ताकि हम अगले दिन के लिए सिग्नल की भविष्यवाणी कर सकें।
हम कई स्थितियों का विश्लेषण करेंगे, जैसे कि Kelly Criterion और Risk-Constrained Kelly Criterion के आधार पर हमारी स्थिति का आकार कैसे निर्धारित करें। हम देखेंगे कि कैसे ये दोनों रणनीतियाँ एक दूसरे से भिन्न होती हैं और किस प्रकार की लाभकारी स्थिति उत्पन्न करती हैं।
आखिरकार, हम रणनीति के परिणामों का मूल्यांकन करेंगे। Risk-Constrained Kelly Strategy के तहत हमारे परिणामों में कम उतार-चढ़ाव होगा, लेकिन इसके साथ ही यह कुल रिटर्न को भी प्रभावित कर सकता है।
इस प्रकार, Risk-Constrained Kelly Criterion का उपयोग एक समर्पित निवेशक को एक स्मूद इक्विटी कर्व प्राप्त करने में मदद कर सकता है। हालांकि, यह याद रखना जरूरी है कि इसकी सीमाएँ भी हैं, जैसे कि कम कुल रिटर्न। लेकिन यह निश्चित रूप से उन दिनों में मदद कर सकता है जब व्यापार करना आवश्यक नहीं है, जिससे आपको संभावित नुकसान से बचने का अवसर मिलता है।
क्या Kelly Criterion वास्तव में प्रभावी है?
हां, Kelly Criterion दीर्घकालिक लाभ के लिए एक प्रभावी विधि है, लेकिन इसके साथ बड़े ड्रॉडाउन का जोखिम भी होता है।
Risk-Constrained Kelly Criterion क्या है?
यह एक संशोधित सिद्धांत है जो ड्रॉडाउन को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त प्रतिबंध जोड़ता है, जिससे इक्विटी कर्व अधिक स्मूद हो जाता है।
क्या मैं Kelly Criterion का उपयोग कर सकता हूँ?
बिलकुल! यदि आप व्यापार करते हैं, तो यह फॉर्मूला आपके लिए बहुत उपयोगी हो सकता है।
मैं Risk-Constrained Kelly Criterion को कैसे लागू कर सकता हूँ?
आपको एक जटिल ऑप्टिमाइजेशन समस्या को हल करना होगा, लेकिन इसके लिए कई संसाधन उपलब्ध हैं।
क्या मुझे इस सिद्धांत को वास्तविक व्यापार में लागू करना चाहिए?
यह आपके व्यापारिक लक्ष्यों पर निर्भर करता है, लेकिन यह एक अच्छी रणनीति हो सकती है।
क्या Risk-Constrained Kelly Criterion का कोई नुकसान है?
हां, इसका मुख्य नुकसान यह हो सकता है कि यह कुल रिटर्न को कम कर सकता है।
क्या मैं इस सिद्धांत का उपयोग अलग-अलग परिसंपत्तियों पर कर सकता हूँ?
हां, यह सिद्धांत विभिन्न परिसंपत्तियों जैसे कि स्टॉक्स, बांड्स, और क्रिप्टोकरेंसी पर लागू किया जा सकता है।
क्या मुझे Kelly Criterion सीखने के लिए कोई कोर्स करना चाहिए?
यदि आप इस क्षेत्र में गंभीरता से रुचि रखते हैं, तो एक कोर्स करना अच्छा विचार हो सकता है।
क्या अन्य निवेशक इस सिद्धांत का उपयोग करते हैं?
हां, कई पेशेवर निवेशक और ट्रेडर इस सिद्धांत का उपयोग करते हैं।
मैं कहां से और जानकारी प्राप्त कर सकता हूँ?
आप Paisabulletin पर और जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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