Walmart, जो अमेरिका की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है, ने हाल ही में अपने DEI (Diversity, Equity, and Inclusion) पहलों में कटौती करने का निर्णय लिया है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब कॉर्पोरेट अमेरिका पर कंजर्वेटिवों का दबाव बढ़ रहा है, खासकर राष्ट्रपति ट्रंप के आगमन के साथ, जो “वोकिज़्म” के खिलाफ हैं।
Walmart ने एक महत्वपूर्ण बदलाव के तहत यह घोषणा की है कि वह अब कुछ सप्लायर्स को नस्ल या लिंग के आधार पर प्राथमिकता नहीं देगा। यह निर्णय उस समय आया है जब कंपनी ने एक रेसियल इक्विटी सेंटर के साथ अपनी पांच साल की प्रतिबद्धता को नवीनीकरण नहीं देने का फैसला किया, जो कि जॉर्ज फ़्लॉयड की हत्या के बाद स्थापित किया गया था। इसके साथ ही, Walmart ने एक प्रमुख गे राइट्स इंडेक्स से भी हटने का निर्णय लिया है।
लेकिन यह सब केवल शुरुआत है। Walmart ने कहा है कि वह अब चेस्ट बाइंडर्स या ट्रांसजेंडर विषयों पर बच्चों की किताबें नहीं बेचेगा, जो कि कंजर्वेटिवों के लिए एक संवेदनशील मुद्दा बन गया है। Walmart अकेला नहीं है; Ford, Toyota, Harley Davidson, Lowe’s और Tractor Supply जैसी कंपनियों ने भी अपने DEI पहलों में कमी की है।
इन सबके पीछे एक कारण है – ग्राहक प्रतिक्रिया का डर। यह वही डर है जो लिबरल एक्टिविस्टों ने पहले इन नीतियों को लागू करने के लिए इस्तेमाल किया था। Walmart के प्रवक्ता ने कहा, “हम अपने सहयोगियों और ग्राहकों के साथ बदलने के लिए तैयार हैं, जो अमेरिका का प्रतिनिधित्व करते हैं।”
Walmart जैसे बड़े कॉर्पोरेट्स के कदम अन्य कंपनियों को भी प्रेरित करेंगे। सवाल यह है कि क्या यह आंदोलन अमेरिका के बाहर भी फैल सकता है। Ford के CEO जिम फार्ले ने अपने कर्मचारियों को लिखे एक ई-मेल में कहा कि “हम यह ध्यान में रखते हैं कि हमारे कर्मचारी और ग्राहक विभिन्न विश्वास रखते हैं,” यह बताते हुए कि राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों से संबंधित बाहरी और कानूनी वातावरण लगातार बदल रहा है।
लेकिन क्या यह बदलाव अमेरिका में ही सीमित रहेगा? अमेरिका में सकारात्मक भेदभाव की शुरुआत 1961 में हुई जब राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी ने कार्यकारी आदेश 10925 पर हस्ताक्षर किए। अब, छः दशकों बाद, यह स्पष्ट होता जा रहा है कि सकारात्मक भेदभाव का विचार समाप्त हो रहा है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल कॉलेज में प्रवेश में सकारात्मक भेदभाव के खिलाफ निर्णय दिया।
भारत में भी, सकारात्मक भेदभाव का इतिहास है, जिसमें जाति आधारित आरक्षण की शुरुआत हुई थी। हालांकि, भारतीय कॉर्पोरेट्स पर कोई कानूनी बाध्यता नहीं है। क्या भारतीय उद्योग अमेरिका के अनुभवों से सीख लेगा, यह देखने वाली बात होगी।
Walmart और अन्य कंपनियों के निर्णय न केवल बाजार की वास्तविकताओं के प्रति उनके समायोजन का संकेत हैं, बल्कि यह सकारात्मक भेदभाव के विचार के अंत की शुरुआत भी हो सकते हैं। क्या यह बदलाव वैश्विक स्तर पर फैलेगा? यह सवाल अहम है और इसके प्रभावों को समझना आवश्यक है।
Walmart ने अपने DEI पहलों में क्यों कटौती की?
Walmart ने ग्राहक प्रतिक्रिया के डर के कारण अपने DEI पहलों में कटौती की है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कंपनी अपने ग्राहकों की बदलती प्राथमिकताओं के साथ चलना चाहती है।
क्या यह बदलाव केवल अमेरिका में हो रहा है?
हालांकि यह बदलाव अमेरिका में शुरू हुआ है, लेकिन इसके वैश्विक स्तर पर फैलने की संभावना है, विशेष रूप से अन्य देशों में जहां सकारात्मक भेदभाव की नीतियां लागू हैं।
क्या अन्य कंपनियां भी Walmart के रास्ते पर चलेंगी?
हां, Walmart जैसे बड़े कॉर्पोरेट्स के निर्णय अन्य कंपनियों को भी प्रभाव डाल सकते हैं, जो अपने DEI पहलों पर पुनर्विचार कर सकती हैं।
क्या सकारात्मक भेदभाव का विचार समाप्त हो रहा है?
लगता है कि सकारात्मक भेदभाव का विचार धीरे-धीरे समाप्त हो रहा है, विशेष रूप से हाल के कानूनी निर्णयों और कॉर्पोरेट नीतियों के कारण।
क्या भारत में सकारात्मक भेदभाव की नीतियां प्रभावी हैं?
भारत में सकारात्मक भेदभाव की नीतियां सरकारी स्तर पर लागू हैं, लेकिन कॉर्पोरेट्स पर कोई कानूनी बाध्यता नहीं है।
क्या Walmart ने चेस्ट बाइंडर्स बेचना बंद कर दिया है?
हां, Walmart ने अब चेस्ट बाइंडर्स और ट्रांसजेंडर विषयों पर बच्चों की किताबें बेचना बंद करने का निर्णय लिया है।
क्या कंजर्वेटिव ग्राहक कंपनियों को प्रभावित कर रहे हैं?
हां, कंजर्वेटिव ग्राहकों की प्रतिक्रिया कंपनियों के निर्णयों को प्रभावित कर रही है, जो दर्शाता है कि बाजार की वास्तविकताएं बदल रही हैं।
क्या अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने सकारात्मक भेदभाव को समाप्त कर दिया है?
हां, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेज में प्रवेश में सकारात्मक भेदभाव के खिलाफ निर्णय दिया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह विचार कमजोर हो रहा है।
क्या Walmart का यह निर्णय अन्य कंपनियों के लिए मॉडल बन सकता है?
हां, Walmart का यह निर्णय अन्य कंपनियों के लिए एक मॉडल बन सकता है, जो अपनी नीतियों को पुनर्विचार कर सकती हैं।
क्या इस बदलाव का सामाजिक प्रभाव होगा?
यह बदलाव सामाजिक प्रभाव डाल सकता है, जिसमें सकारात्मक भेदभाव के विचार और सामाजिक नीतियों पर नए सिरे से विचार किया जा सकता है।
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