श्रीलंका की आर्थिक स्थिति और वैश्विक व्यापार में उसकी भूमिका पर एक दिलचस्प चर्चा हाल ही में हुई, जब एक रिपोर्ट में बताया गया कि GSP+ (Generalized Scheme of Preferences Plus) का लाभ उठाने के लिए श्रीलंका को अपनी रणनीतियों में सुधार करने की आवश्यकता है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि श्रीलंका को नॉन-ओरिजिनेटिंग मटेरियल्स के उपयोग को बढ़ाना चाहिए, जैसा कि हाल ही में यूरोपीय संघ द्वारा श्रीलंका और इंडोनेशिया के बीच की सहमति में देखा गया है। आइए, इस विषय पर गहराई से चर्चा करते हैं।
श्रीलंका ने हाल ही में यूरोपीय संघ (EU) के राजदूत के साथ एक बैठक में अपने व्यापार संबंधों को मजबूत बनाने का पुनः आश्वासन दिया, जिसमें GSP+ कार्यक्रम का विशेष उल्लेख किया गया। GSP+ कार्यक्रम श्रीलंका के निर्यात के लिए टैरिफ में छूट प्रदान करता है, जो कि 27 अंतरराष्ट्रीय संधियों के पालन पर निर्भर करता है। इनमें श्रम और मानवाधिकार, पर्यावरणीय स्थिरता, और अच्छे शासन के मानदंड शामिल हैं।
श्रीलंका के प्रमुख निर्यात, जैसे कि पहनने के कपड़े, निम्न और मध्यम-कौशल वाले श्रमिकों, महिलाओं, और ग्रामीण क्षेत्रों के श्रमिकों को रोजगार देते हैं, जिससे GSP+ के लाभों का वितरण कमजोर समुदायों तक होता है। 2023 में, श्रीलंका ने EU और UK को 3.63 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सामान निर्यात किए, जो कुल निर्यात का 30% है। GSP+ की मदद से, श्रीलंका को कई वस्तुओं पर शून्य टैरिफ मिलता है, जिससे EU बाजार में उनकी प्रतिस्पर्धा बढ़ती है।
हालांकि, GSP+ के लाभ पूरी तरह से नहीं उठाए जा रहे हैं। जटिल नियमों के कारण, अनुपालन महंगा और चुनौतीपूर्ण हो रहा है। उदाहरण के लिए, 2019 में, श्रीलंका ने EU और UK को 1.31 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कपड़ा निर्यात किया, जिसमें से केवल 52.3% ने GSP+ का लाभ उठाया। यदि GSP+ समाप्त हो जाता है, तो इस क्षेत्र को 996.38 मिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान होने की संभावना है।
GSP+ का नुकसान केवल निर्यात पर ही नहीं, बल्कि रोजगार पर भी प्रभाव डाल सकता है। IPS की एक विश्लेषण में यह बताया गया है कि GSP+ के नुकसान से 73,574 श्रमिकों की नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है। इनमें से अधिकांश श्रमिक कपड़ा क्षेत्र में हैं, जहां 87.1% श्रमिक कमजोर वर्ग से हैं। इस स्थिति से महिलाओं और निम्न या मध्यम कौशल वाले श्रमिकों पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा।
भविष्य के लिए, श्रीलंका को GSP+ को बनाए रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय संधियों का पालन करना चाहिए। जैसे-जैसे श्रीलंका उच्च आय स्तर पर पहुँचता है, GSP+ का नुकसान प्रबंधनीय हो सकता है। लेकिन वर्तमान में, GSP+ श्रीलंका के निर्यात और समग्र आय को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
श्रीलंका को GSP+ के लाभों का अधिकतम उपयोग करने के लिए नॉन-ओरिजिनेटिंग मटेरियल्स के उपयोग को बढ़ाने के प्रयास करने चाहिए। इसके अलावा, EU के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते पर विचार करना एक दीर्घकालिक समाधान हो सकता है, जिससे भविष्य में GSP+ के नुकसान के प्रभावों से निपटने में मदद मिलेगी।
श्रीलंका के लिए GSP+ कार्यक्रम केवल एक व्यापारिक लाभ नहीं है, बल्कि यह आर्थिक विकास और सामाजिक समावेश का एक महत्वपूर्ण साधन है। यदि श्रीलंका इस अवसर का सही तरीके से उपयोग करता है, तो यह न केवल अपने निर्यात को बढ़ा सकता है, बल्कि अपने कमजोर समुदायों के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित कर सकता है।
GSP+ क्या है?
GSP+ एक व्यापारिक कार्यक्रम है जो विकासशील देशों को यूरोपीय संघ में निर्यात के लिए टैरिफ में छूट प्रदान करता है, बशर्ते वे निर्धारित अंतरराष्ट्रीय संधियों का पालन करें।
श्रीलंका के लिए GSP+ के लाभ क्या हैं?
GSP+ के तहत, श्रीलंका को कई उत्पादों पर शून्य टैरिफ प्राप्त होता है, जिससे उसके निर्यात की प्रतिस्पर्धा बढ़ती है।
कौन से उत्पाद GSP+ के तहत निर्यात किए जाते हैं?
श्रीलंका के प्रमुख निर्यात उत्पादों में पहनने के कपड़े, रबर, समुद्री खाद्य पदार्थ, और चाय शामिल हैं।
GSP+ के नुकसान से कौन प्रभावित होगा?
GSP+ के नुकसान से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले श्रमिकों में महिलाएं और निम्न-मध्यम कौशल वाले श्रमिक शामिल हैं।
क्या श्रीलंका GSP+ को बनाए रख सकेगा?
हां, यदि श्रीलंका अंतरराष्ट्रीय संधियों का पालन करता है और अपनी रणनीतियों में सुधार करता है, तो वह GSP+ को बनाए रख सकता है।
GSP+ के तहत निर्यात की दरें कैसे हैं?
GSP+ के तहत निर्यात की दरें शून्य होती हैं, जबकि बिना GSP+ के, टैरिफ EU के Most Favoured Nation (MFN) दरों पर लौट सकते हैं।
क्या GSP+ के लाभों का उपयोग पूरी तरह से हो रहा है?
नहीं, GSP+ के लाभों का उपयोग पूरी तरह से नहीं हो रहा है, क्योंकि जटिल नियमों के कारण अनुपालन चुनौतीपूर्ण है।
श्रीलंका को क्या करना चाहिए?
श्रीलंका को GSP+ के लाभों का अधिकतम उपयोग करने के लिए नॉन-ओरिजिनेटिंग मटेरियल्स के उपयोग को बढ़ाना चाहिए।
क्या भविष्य में GSP+ का नुकसान प्रबंधनीय होगा?
जी हां, जैसे-जैसे श्रीलंका उच्च आय स्तर पर पहुँचता है, GSP+ का नुकसान प्रबंधनीय हो सकता है।
श्रीलंका का GSP+ कार्यक्रम से क्या लक्ष्य है?
श्रीलंका का लक्ष्य GSP+ कार्यक्रम का उपयोग करके अपने निर्यात और आर्थिक विकास को बढ़ाना है।
Sri Lanka, GSP+, EU, Trade Relations, Economic Growth, Apparel Sector, Export, UNCTAD, Free Trade Agreement, Employment