हाल ही में, रूसी रूबल ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 110 के स्तर को पार कर लिया है, जो एक महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक सीमा है। इस गिरावट ने अर्थशास्त्रियों को चौंका दिया है, जिन्होंने उम्मीद की थी कि रूबल अगले एक साल में 100 के स्तर तक पहुंचेगा। लेकिन, यह 24% से अधिक की गिरावट का सामना कर रहा है। तो, आखिर इस गिरावट के पीछे क्या कारण हैं और इसका अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?
बुधवार को, रूबल ने व्यापार की शुरुआत से ही 7.11% गिरकर 113.00 डॉलर प्रति रूबल पर पहुंच गया। यह मार्च 2022 के बाद से सबसे निचले स्तर पर है, जब रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया था। इस गिरावट का मुख्य कारण है स्टॉक मार्केट में 20% से अधिक की गिरावट, जिससे निवेशक अपने पैसे को स्टॉक्स से निकालकर अधिक ब्याज वाले डिपॉजिट में डालने लगे हैं।
BCS ब्रोकरेज के विश्लेषकों का कहना है कि “बाजार रूबल के अवमूल्यन पर वित्तीय अधिकारियों की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहा है,” और यह भी कि विदेशी मुद्रा की खरीदारी “असुरक्षा के वातावरण में Panic की तरह है।”
वर्तमान में, विश्लेषक अनुमान लगा रहे हैं कि रूबल वर्ष के अंत तक 115-120 तक पहुंच सकता है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार और केंद्रीय बैंक को निर्यातकों को अधिक विदेशी मुद्रा बेचने के लिए मजबूर करना चाहिए और राज्य द्वारा विदेशी मुद्रा की बिक्री बढ़ाने के उपाय करने चाहिए। T-Bank की विश्लेषक सोफ्या डोनेत्स ने कहा, “संभावित उपायों में केंद्रीय बैंक द्वारा बजट नियमों के तहत संचालन के मानकों में समायोजन और अतिरिक्त पूंजी नियंत्रण शामिल हो सकते हैं।”
रूबल की यह गिरावट महंगाई को बढ़ा रही है, जो केंद्रीय बैंक के अनुमान से अधिक होने की संभावना है। केंद्रीय बैंक का मानना है कि रूबल के 10% के अवमूल्यन से महंगाई में 0.5 प्रतिशत अंक की वृद्धि होती है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पिछले चार महीनों में रूबल की गिरावट से महंगाई दर में 1.5 प्रतिशत अंक की बढ़ोतरी हो सकती है।
अर्थशास्त्री एवगेनी कोगन ने कहा, “यह केंद्रीय बैंक के लिए बढ़ती कीमतों के खिलाफ लड़ाई में एक चुनौती है।” हालांकि, केंद्रीय बैंक और वित्त मंत्रालय ने इस संबंध में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
रूबल की गिरावट में नए प्रतिबंध भी एक बड़ा कारण है, जिसने रूस के वित्तीय क्षेत्र में विदेशी व्यापार भुगतान को बाधित कर दिया है, विशेषकर तेल और गैस के लिए। अधिकतर प्रमुख रूसी बैंक अब अमेरिकी प्रतिबंधों के अधीन हैं और इसलिए वे डॉलर में बैंक लेनदेन नहीं कर पा रहे हैं। परिणामस्वरूप, उन्हें केवल बड़ी मात्रा में डॉलर नकद आयात करने का विकल्प बचता है।
सभी डॉलर और यूरो में व्यापार ओवर-द-काउंटर मार्केट में चला गया है, जिससे व्यापार में अस्थिरता और अस्पष्टता बढ़ गई है। अधिकांश बैंक केवल नियामकों को डेटा disclose कर रहे हैं, जिससे स्थिति और भी जटिल हो गई है।
हालांकि, कई विश्लेषकों का मानना है कि रूबल की गिरावट का कोई मौलिक कारण नहीं है, क्योंकि तेल की कीमतें, जो रूस का मुख्य निर्यात है, स्थिर बनी हुई हैं।
रूबल की कमजोरी निर्यातक कंपनियों के लिए फायदेमंद है, क्योंकि रूस के ऊर्जा निर्यात की कीमतें ज्यादातर डॉलर में तय की जाती हैं। वित्त मंत्री एंटोन सिलुआनोव के अनुसार, यह स्थिति राज्य के बजट राजस्व को ऊर्जा करों और निर्यात शुल्क से बढ़ाने में मदद कर रही है।
इस प्रकार, रूस का रूबल वर्तमान में एक महत्वपूर्ण आर्थिक चुनौती का सामना कर रहा है। गिरती कीमतें, बढ़ती महंगाई और नए वित्तीय प्रतिबंधों के बीच, भविष्य में सरकार और केंद्रीय बैंक को प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता होगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि रूसी अधिकारियों की प्रतिक्रिया क्या होती है और क्या वे इस संकट को नियंत्रित करने में सफल हो पाते हैं।
1. रूसी रूबल क्यों गिर रहा है?
रूसी रूबल की गिरावट का मुख्य कारण आर्थिक अनिश्चितता, विदेशी निवेशकों का विश्वास खोना और नए वित्तीय प्रतिबंध हैं।
2. रूबल की गिरावट का महंगाई पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
रूबल की गिरावट महंगाई को बढ़ा सकती है, क्योंकि इसका केंद्रीय बैंक के द्वारा निर्धारित दर पर दबाव पड़ेगा।
3. रूबल के गिरने से क्या सरकार को नुकसान होगा?
हालांकि रूबल की कमजोरी निर्यातक कंपनियों के लिए फायदेमंद है, लेकिन यह सरकार के बजट में अस्थिरता ला सकती है।
4. क्या रूबल 120 के स्तर तक पहुंच सकता है?
विश्लेषकों का मानना है कि यदि मौजूदा स्थिति बनी रही, तो रूबल 115-120 तक पहुंच सकता है।
5. केंद्रीय बैंक इस स्थिति में क्या कदम उठा सकता है?
केंद्रीय बैंक विदेशी मुद्रा की बिक्री बढ़ाने और पूंजी नियंत्रण के उपाय कर सकता है।
6. क्या रूस के तेल की कीमतें प्रभावित होंगी?
रूबल की कमजोरी के कारण तेल की कीमतें प्रभावित हो सकती हैं, लेकिन अभी तक कीमतें स्थिर हैं।
7. क्या रूबल की गिरावट अस्थायी है?
यह कहना मुश्किल है, लेकिन यदि आर्थिक स्थितियों में सुधार होता है, तो यह अस्थायी हो सकती है।
8. रूस की अर्थव्यवस्था पर इस गिरावट का क्या प्रभाव पड़ेगा?
इस गिरावट का प्रभाव रूस की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक पड़ सकता है, विशेषकर महंगाई और बजट संतुलन पर।
9. क्या विदेशी निवेशकों का विश्वास वापस आएगा?
यह निर्भर करता है कि रूस की सरकार और केंद्रीय बैंक किस तरह की नीतियाँ अपनाते हैं।
10. क्या रूबल की स्थिति में सुधार हो सकता है?
यदि सरकार और केंद्रीय बैंक सही कदम उठाते हैं, तो रूबल की स्थिति में सुधार संभव है।