रेल परिवहन का क्षेत्र भारत, अफगानिस्तान और ईरान के बीच व्यापारिक रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रहा है। हाल ही में, अफगानिस्तान रेलवे प्राधिकरण के प्रमुख, बख्त-उर-रहमान शराफ्त, और ईरान के एक प्रतिनिधिमंडल ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जो रेलवे क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने के लिए है। यह महत्वपूर्ण समझौता अफगानिस्तान के पश्चिमी प्रांत हेरात में हुआ, जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को नया आयाम मिलेगा।
समझौते के तहत, ईरान ने खाफ-हेरात रेलवे का निर्माण करने की अपनी तत्परता घोषित की है। इस परियोजना का उद्देश्य प्राचीन सिल्क रोड को पुनर्जीवित करना है, जिससे व्यापार और यातायात दोनों को बढ़ावा मिलेगा। खाफ-हेरात रेलवे की पहली रेल यात्रा दिसंबर 2020 में शुरू की गई थी, जब 225 किमी लंबी रेलवे लाइन का निर्माण शुरू हुआ था।
हालांकि, इस रेलवे लाइन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा अभी भी अधूरा है, जो ग़ुरियन और हेरात के बीच 85 किमी की दूरी को कवर करता है। ईरान ने इस $75 मिलियन की परियोजना में वित्तीय सहायता प्रदान की है, जो अफगानिस्तान के विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान है।
हेरात-खाफ रेलवे का आधिकारिक उद्घाटन 11 जुलाई को हुआ। इसके साथ ही, अफगानिस्तान और ईरान के बीच व्यापार का एक नया मार्ग खुला है। इस रेलवे मार्ग के माध्यम से, अफगानिस्तान भारत के चाबहार पोर्ट से भी जुड़ सकता है, जो व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण गेटवे है।
हेरात के गवर्नर, मौलाना नूर अहमद इस्लामजार ने इस रेलवे लाइन को दोनों देशों के बीच मित्रता के मजबूत बंधन का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन इस रेलवे को सुरक्षित रखने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगा। वहीं, ईरान के खोरासन रज़ावी प्रांत के गवर्नर याकूब अली नज़ारी ने कहा कि यह रेलवे आर्थिक सहयोग का एक नया अध्याय खोलता है और एशिया के पूर्व और पश्चिम के बीच एक पुल का कार्य करेगा।
इस समझौते के साथ, इस्लामिक एमिरेट ऑफ अफगानिस्तान के प्रवक्ता, मौलवी ज़बिहुल्ला मुजाहिद ने आश्वासन दिया कि छोटे मुद्दे कभी भी दोनों देशों के बीच मतभेद पैदा नहीं करेंगे। खाफ-हेरात रेलवे और तुर्की से अफगानिस्तान के लिए माल का परिवहन एक महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग खोलता है, जो अफगानिस्तान और यूरोप के बीच संबंधों को मजबूत करने में मदद करेगा।
इस समझौते से न केवल अफगानिस्तान और ईरान के बीच व्यापारिक संबंध मजबूत होंगे, बल्कि यह एशिया के विभिन्न देशों के बीच आर्थिक सहयोग को भी बढ़ावा देगा। यह रेलवे मार्ग न केवल स्थानीय व्यापार को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए भी एक महत्वपूर्ण कड़ी बनेगा।
1. खाफ-हेरात रेलवे का महत्व क्या है?
यह रेलवे न केवल अफगानिस्तान और ईरान के बीच व्यापार बढ़ाने का एक साधन है, बल्कि यह भारत के चाबहार पोर्ट के माध्यम से अन्य देशों से जुड़ेगा।
2. इस रेलवे परियोजना का वित्तपोषण कौन कर रहा है?
ईरान ने इस $75 मिलियन की रेलवे परियोजना का वित्तपोषण किया है।
3. कब खाफ-हेरात रेलवे का उद्घाटन हुआ था?
इसका आधिकारिक उद्घाटन 11 जुलाई को हुआ था।
4. खाफ-हेरात रेलवे से अफगानिस्तान को कौन से देशों से जोड़ने की योजना है?
यह रेलवे अफगानिस्तान को भारत, तुर्की और यूरोप से जोड़ने की योजना है।
5. क्या इस रेलवे के निर्माण में कोई तकनीकी चुनौतियाँ थीं?
हाँ, इसमें कुछ हिस्सों का निर्माण अभी भी अधूरा है, जिसके लिए आगे की योजनाएँ बनाई जा रही हैं।
6. क्या यह रेलवे अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा?
हाँ, यह रेलवे स्थानीय व्यापार को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर उत्पन्न करने में मदद करेगा।
7. इस समझौते के अंतर्गत अन्य कौन से सहयोग क्षेत्रों पर चर्चा हुई?
रेलवे क्षेत्र के साथ-साथ, दोनों देशों ने अन्य आर्थिक सहयोग के क्षेत्रों पर भी चर्चा की।
8. खाफ-हेरात रेलवे का उपयोग कैसे किया जाएगा?
यह रेलवे यात्री और माल परिवहन दोनों के लिए उपयोग किया जाएगा।
9. क्या ईरान और अफगानिस्तान के बीच अन्य व्यापारिक समझौते भी हैं?
हाँ, दोनों देशों के बीच विभिन्न व्यापारिक समझौतों के तहत सहयोग बढ़ाने की योजनाएँ हैं।
10. भविष्य में इस रेलवे का विस्तार करने की योजना है?
हाँ, इस रेलवे के विस्तार की योजनाएँ बनाई जा रही हैं, जो अन्य देशों से भी जुड़ने का अवसर प्रदान करेंगी।
खाफ-हेरात रेलवे, अफगानिस्तान, ईरान, व्यापार, रेलवे विकास, चाबहार पोर्ट, सिल्क रोड, आर्थिक सहयोग