हाल ही में आंध्र प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य सरकार अदानी समूह के साथ किए गए पावर सप्लाई अनुबंध की समीक्षा कर रही है। यह निर्णय तब आया है जब अदानी समूह के संस्थापक, अरबपति गौतम अदानी, अमेरिका में रिश्वतखोरी के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
राज्य के वित्त मंत्री पाय्यवुला केशव ने सोमवार को एक रिपोर्ट में पुष्टि की कि सरकार “सभी आंतरिक फाइलों” की गहराई से जांच कर रही है। इस जांच का मुख्य उद्देश्य यह तय करना है कि क्या अनुबंध को रद्द किया जा सकता है या नहीं।
अमेरिकी अभियोग में आरोप लगाया गया है कि अदानी और उनके सात सहयोगियों ने 2021 से 2022 के बीच भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत दी थी। इस राशि का बड़ा हिस्सा, अर्थात् 228 मिलियन डॉलर, आंध्र प्रदेश की राज्य बिजली वितरण कंपनियों को प्रभावित करने के लिए दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप लगभग सात गीगावॉट सौर ऊर्जा खरीदने का समझौता हुआ। यह किसी भी भारतीय राज्य द्वारा किया गया सबसे बड़ा समझौता है।
केशव के अनुसार, “हम यह भी देखेंगे कि आगे क्या किया जा सकता है, जैसे कि क्या अनुबंध को रद्द करने की संभावना है।” उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस मुद्दे की बारीकी से जांच कर रही है।
गौतम अदानी ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। वहीं, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी, जो कि राज्य की प्रशासनिक पार्टी रही है, ने भी किसी भी गलत काम से इनकार किया है।
अदानी समूह, जो अब अमेरिकी अभियोग के बाद अधिक scrutiny में आ चुका है, ने तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की है। बिजनेस टुडे ने रिपोर्ट के विवरणों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की है। अदानी समूह की प्रतिक्रिया प्राप्त होने के बाद इस कहानी को अपडेट किया जाएगा।
इस रिश्वतखोरी के आरोपों का प्रभाव पहले से ही महत्वपूर्ण है। फ्रांसीसी तेल कंपनी TotalEnergies, जो अदानी ग्रीन एनर्जी में 20% हिस्सेदारी रखती है, ने अदानी समूह में आगे के निवेश को स्थगित कर दिया है। अदानी की कंपनियों के शेयरों में भी इस अभियोग के बाद तेज गिरावट आई है।
ये आरोप अदानी समूह के उन संबंधों पर फिर से ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जो उन्होंने सरकारी संस्थाओं के साथ बनाए हैं।
इस स्थिति से यह स्पष्ट होता है कि आंध्र प्रदेश सरकार अदानी समूह के साथ अपने संबंधों पर गंभीरता से विचार कर रही है। यदि अनुबंध रद्द होता है, तो यह न केवल अदानी समूह के लिए, बल्कि पूरे भारतीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण परिणाम लेकर आएगा।
क्या अदानी समूह ने आरोपों का खंडन किया है?
जी हां, अदानी समूह ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
आंध्र प्रदेश सरकार अनुबंध को रद्द कर सकती है?
राज्य सरकार इस पर विचार कर रही है और समीक्षा कर रही है कि अनुबंध को रद्द करने की संभावना है या नहीं।
TotalEnergies ने अदानी समूह में निवेश क्यों रोका?
TotalEnergies ने अदानी समूह में आगे के निवेश को रिश्वतखोरी के आरोपों के कारण स्थगित किया है।
अदानी समूह के शेयरों की स्थिति क्या है?
अदानी समूह के शेयरों में इस अभियोग के बाद तेज गिरावट आई है।
यह मामला भारत के ऊर्जा क्षेत्र को कैसे प्रभावित करेगा?
यदि अनुबंध रद्द होता है, तो यह पूरे भारतीय ऊर्जा क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन ला सकता है।
क्या वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने किसी गलत काम का समर्थन किया है?
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है।
इस मामले में आगे क्या होने की संभावना है?
आगे की जांच और अदानी समूह की प्रतिक्रिया के आधार पर स्थिति स्पष्ट होगी।
अदानी समूह के लिए यह आरोप कैसे महत्वपूर्ण हैं?
ये आरोप अदानी समूह की प्रतिष्ठा और भविष्य के निवेश पर प्रभाव डाल सकते हैं।
क्या यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित कर रहा है?
जी हां, यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अदानी समूह के संबंधों पर सवाल उठा रहा है।
आप इस मामले के बारे में और जानकारी कहां पा सकते हैं?
आप इस मामले के बारे में और जानकारी यहां पा सकते हैं।
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